एक फ़कीर (The Monk) Motivational story
एक गाँव में एक फ़क़ीर रहता था। उसके बारे में एक बात प्रसिद्ध थी की वह जब भी नाचता तो बारिश होती थी। उस फ़क़ीर की प्रसिद्धि धीरे धीरे दूर तक पहुँच चुकी थी।
एक बार उस गाँव में शहर से 4 नवयुवक आए। जब उन्होंने उस फ़क़ीर के बारे में सुना तो उन्होंने सोचा के शायद कोई ढोंगी बाबा है, अगर हम चाहें तो हम भी नाचकर बारिश कर सकते हैं ।तो उन्होंने उस बाबा से प्रतिस्पर्धा करने की सोची। और पुरे गाँव में घोषणा करवा दी की आने वाले रविवार को हम लोग से उस फ़क़ीर की प्रतिस्पर्धा है।
सारे गाँव और आस पास दूर दूर तक यह बात फैल गई और निश्चित दिन सभी लोग वहाँ पहुँच गए।
वो चारों लड़के और फ़क़ीर भी वहाँ पहुँच चुके थे।बहुत भीड़ थी।
सुबह जल्दी प्रतिस्पर्धा शुरू होती है। सबसे पहले उन चारों में से पहला नौजवान नाचना शुरू करता है, वह 30-40 मिनिट नाचता है फिर थक कर हार मान लेता है।
दूसरा नौजवान आता है, वह तकरीबन 1 घण्टे तक नाचता है और थककर बैठ जाता है।
तीसरा युवक आता है और तक़रीबन पौने 2 घण्टे तक नाचता है, और फिर वह भी हार मान लेता है।
चौथा नवयुवक आता है और तक़रीबन 3 घण्टे नाचता है लेकिन बारिश नही होती और वो भी थक कर बैठ जाता है।
एक बार उस गाँव में शहर से 4 नवयुवक आए। जब उन्होंने उस फ़क़ीर के बारे में सुना तो उन्होंने सोचा के शायद कोई ढोंगी बाबा है, अगर हम चाहें तो हम भी नाचकर बारिश कर सकते हैं ।तो उन्होंने उस बाबा से प्रतिस्पर्धा करने की सोची। और पुरे गाँव में घोषणा करवा दी की आने वाले रविवार को हम लोग से उस फ़क़ीर की प्रतिस्पर्धा है।
सारे गाँव और आस पास दूर दूर तक यह बात फैल गई और निश्चित दिन सभी लोग वहाँ पहुँच गए।
वो चारों लड़के और फ़क़ीर भी वहाँ पहुँच चुके थे।बहुत भीड़ थी।
सुबह जल्दी प्रतिस्पर्धा शुरू होती है। सबसे पहले उन चारों में से पहला नौजवान नाचना शुरू करता है, वह 30-40 मिनिट नाचता है फिर थक कर हार मान लेता है।
दूसरा नौजवान आता है, वह तकरीबन 1 घण्टे तक नाचता है और थककर बैठ जाता है।
तीसरा युवक आता है और तक़रीबन पौने 2 घण्टे तक नाचता है, और फिर वह भी हार मान लेता है।
चौथा नवयुवक आता है और तक़रीबन 3 घण्टे नाचता है लेकिन बारिश नही होती और वो भी थक कर बैठ जाता है।
अब वो फ़क़ीर नाचना शुरू करता है, और फ़क़ीर को नाचते नाचते 4, 5 घण्टे हो जाते हैं, फिर भी वो फ़क़ीर पागलों जैसे नाचते रहता है, शाम हो जाती है, फ़क़ीर को तक़रीबन 7, 8 घण्टे हो जाते हैं और सब देखते हैं की बादल घिर आते हैं और कुछ देर में तेज बारिश शुरू हो जाती है। और फ़क़ीर नाचना बन्द कर देता है।
अब वो चारों लड़के उठकर फ़क़ीर के पैर पकड़ लेते हैं और उनसे माफ़ी मांगते हैं और फ़क़ीर से पूछते हैं की ऐसा क्यों हुआ की जब हम नाचे तो बारिश नही हुई और आप नाचे तो बारिश हुई।
अब वो चारों लड़के उठकर फ़क़ीर के पैर पकड़ लेते हैं और उनसे माफ़ी मांगते हैं और फ़क़ीर से पूछते हैं की ऐसा क्यों हुआ की जब हम नाचे तो बारिश नही हुई और आप नाचे तो बारिश हुई।
फ़क़ीर ने बहुत बढ़िया बात बोली कि........... "मैं नाचते वक़्त अपने दिमाग में सिर्फ 2 बातें रखता हूँ, पहली ये की अगर मैं नाचूँगा तो बारिश होगी, और दूसरी यह की में तब तक नाचूँगा जब तक बारिश नही होगी"
बस यही अंतर था तुम्हारे और मेरे नाचने के बिच में।
बस यही अंतर था तुम्हारे और मेरे नाचने के बिच में।
दोस्तों यह कहानी मुझे हमेशा प्रेरित करती है, हमेशा मुझे motivate करती है। आप चाहे student हो, businessman हो या किसी भी क्षेत्र में सफल होना चाहते हो तो बस 2 बातें दिमाग में रखो की अगर आप प्रयास करोगे, अगर आप मेहनत करोगे तो आप सफ़ल जरूर होंगे, और दूसरी बात की जब तक आप सफ़ल न हों आप कोशिश करते रहोगे।
आप को यह कहानी कैसी लगी, please निचे comment box में अपना experience जरूर share करें। इस कहानी को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ भी शेयर करें ताकि उनका भी फ़ायदा हो सके।
Thanks a lot.
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