क्रिस्टियानो रोनाल्डो (Cristiano Ronaldo)

फुटबॉल की बात हो और पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो का नाम जुबां पर ना आए, ऐसा हो ही नही सकता।
   Cristiano Ronaldo सबसे महँगे, सबसे अमिर फुटबॉल खिलाड़ी हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, रोनाल्डो एक बहुत ही गरीब परिवार में पैदा हुए थे और चद्दर ( टिन) के मकान में रहते थे। उनके पिता एक माली थे और रोनाल्डो को मिलाकर 4 भाई बहन थे।
ऐसी विपरीत परिस्थिति में रहते हुए भी आज रोनाल्डो विश्व के सबसे अमिर फुटबॉल प्लेयर हैं जो की रियाल मेड्रिड की तरफ से खेलते हैं।
    छोटी उम्र से ही रोनाल्डो को फुटबॉल का शौक था, और 10 साल की उम्र में वो शहर के सबसे बड़े क्लब में शामिल कर लिए गए थे।। फिर 2-3 साल बाद उन्हें वहाँ के स्पोर्टिंग क्लब में चुना गया और रोनाल्डो को 1500  पाउंड में साइन किया गया।
   रोनाल्डो में अपने खेल के प्रति गजब का उत्साह था, और एक 15 साल के लड़के का अद्भुत प्रदर्शन देख कर सभी उनके फैन बनते जा रहे थे। तभी रोनाल्डो को पता चला की उन्हें हार्ट में कुछ प्रॉब्लम है और बहुत ही रिस्क भरी सर्जरी करवानी पड़ेगी, नही तो वो कभी खेल नही पाएँगे।  रोनाल्डो ने हिम्मत नही हारी और सर्जरी करवाई, और सर्जरी सक्सेस हो गई। और कुछ समय बाद रोनाल्डो फिर से खेल के लिए तैयार।
    पहले से दुगने उत्साह, दुगने उमंग के साथ मैदान में उतरते ही उन्होंने सबका दिल जीत लिया। लेकिन कुछ दिनों बाद उनके पिता की मृत्यु हो गई और घर का बोझ माँ पर आ गया, क्योंकि रोनाल्डो अभी भी एक struggling player थे । माँ को घर घर बर्तन माँजकर घर चलाना पड़ा। रोनाल्डो ने पहले से ज्यादा मेहनत की और उनके शानदार खेल को देखकर यूनाइटेड मेनचेस्टर की टीम ने रोनाल्डो को हासिल करने के लिए 17 मिलियन डॉलर चुकाए।।  यह रोनाल्डो के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी क्योंकि एक युवा खिलाडी को इतनी बड़ी राशी मिलना अपने आप में एक रिकॉर्ड था। 6 वर्षो तक उन्होंने इसी टीम के लिए खेला। फिर 2009 में रियाल मेड्रिड क्लब ने 132 मिलियन डॉलर चुकाकर रोनाल्डो को अपनी टीम में ले लिया। 132 मिलियन डॉलर मतलब भारतीय rs. के हिसाब से लगभग 8.5 अरब रुपये। इतनी बड़ी धनराशि के बाद रोनाल्डो की गिनती अमीर फुटबॉल प्लेयर में होने लगी थी। लेकिन यहीं पर बात खत्म नही हुई। 2015 में रोनाल्डो ने रियाल मेड्रिड के साथ अपने करार को 6 साल के लिए और बढ़ा दिया, जिसके लिए उन्हें 1864 करोड़ rs. मिले और इसी के साथ वो दुनिया के सबसे अमीर फुटबॉल खिलाड़ी बन गए।
     दोस्तों हमने रोनाल्डो का सफ़र देखा जो एक टीन वाले घर से शुरू हुआ एवम् आलिशान बंगले और लक्ज़री कारों तक पहुँचा।

अग़र रोनाल्डो चाहते तो बचपन में परिवार की गरीबी देखकर निराश होकर, या अपने दिल की बीमारी की वजह से या फिर पिता की मौत की वजह से अपने लक्ष्य से ध्यान भटका सकते थे, लेकिन उनकी नज़रो के सामने उनका लक्ष्य बिल्कुल साफ़ था। उनमे फुटबॉल खिलाडी बनकर कुछ करने का जोश और जूनून था। सिर्फ एक लक्ष्य था और कुछ नही।

     यही हमारे लिए बहुत बड़ी सिख है, की मुश्किलों से डरना या घबराना नही है, निराश नही होना है बल्कि सिर्फ एक लक्ष्य पर पूरा ध्यान फ़ोकस करना है। अगर हमारा पूरा फ़ोकस हमारे टारगेट पर है, उसको पाने का हम में जूनून है तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको उस टारगेट तक पहुँचने से नही रोक सकती है।
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